केंद्रीय कैबिनेट ने गुरुवार को वक्फ बिल को मंजूरी दे दी है. जेपीसी के रिपोर्ट के आधार पर इसे हरी झंडी दी गई है. इस बिल को सदन में बजट सत्र के दूसरे हिस्से में 10 मार्च के बाद पेश किया जा सकता है. जानकारी के अनुसार 19 फरवरी को कैबिनेट की बैठक में इसके संशोधन की मंजूरी दी गई. पिछली बार इस बिल को अगस्त में सदन के अंदर पेश किया गया था. बाद में विपक्ष के हंगामे के बाद इसे जेपीसी में भेजा गया था. जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति की ने नए संशोधन पर रिपोर्ट को 29 जनवरी को मंजूरी दी थी. विपक्ष ने इसको लेकर आपत्ति भी जताई थी साथ ही वक्फ बाय यूजर्स प्रावधान को हटाने के प्रस्ताव का भी विरोध किया था.

वक्फ बिल को अगस्त महीने में लोकसभा के अंदर केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरन रिजिजू के द्वारा पेश किए जाने के बाद जेपीसी के पास भेज दिया गया था. बाद में संसदीय समिति ने बहुमत में इसको मंजूरी दी. वहीं 11 विपक्षी सांसदों ने इसका विरोध भी किया. कुल 655 पन्नों की इस रिपोर्ट को दोनों ही सदनों के सामने रखा गया था.

क्या है वक्फ बोर्ड

वक्फ अरबी भाषा का शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है ठहरना या कायम रहना. वहीं विशेष अर्थ होता है अल्लाह के नाम पर दान की गई वस्तु यानी जिसका उद्देश्य परोपकार हो. वक्फ बोर्ड उन चीजों की निगरानी करता है जो अल्लाह के नाम पर दान की गई हो. वक्फ बोर्ड के पास असीमित अधिकार और संपत्ति हैं, जिसकी वजह से वक्फ बोर्ड हमेशा चर्चा में रहता है. वक्फ बोर्ड दान में मिली चल-अचल संपत्ति का सही इस्तेमाल हो इसकी व्यवस्था देखता है. इस्लाम के अनुसार वह इसके उपयोग भी करता है. जैसे मस्जिद बनवाना, शिक्षा की व्यवस्था करवान और अन्य धार्मिक काम करवाना.

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